कोई तो है कि , जो मिटटी को हीरा बनावे है
बहुत मगरूर मत होना , कि वो पासा पलट देवे
जिसे किरदार मिलता है उसे परखा भी जाता है
जिसे सोना बनाया था , उसे आगों में डाला है
वो एक शख्स जो खुद को सूरज बता रहा था -
कि इंकलाब तीरगी के खिलाफ था , उसका
मगर अभी तक तो कोई रौशनी नहीं उतरी
जमीं पर देखते रहिये , इंतज़ार करते रहिये
प्यार के रिश्ते बे सबब यूँ ही नहीं टूटते ,
कुछ खता तुम्हारी थी कुछ खता हमारी भी ।
दूसरों के ऐब पर हंसना तो अच्छा लगता है
एक निगाह खुद पर डाली तो , उदास हुआ
बहुत मगरूर मत होना , कि वो पासा पलट देवे
जिसे किरदार मिलता है उसे परखा भी जाता है
जिसे सोना बनाया था , उसे आगों में डाला है
वो एक शख्स जो खुद को सूरज बता रहा था -
कि इंकलाब तीरगी के खिलाफ था , उसका
मगर अभी तक तो कोई रौशनी नहीं उतरी
जमीं पर देखते रहिये , इंतज़ार करते रहिये
प्यार के रिश्ते बे सबब यूँ ही नहीं टूटते ,
कुछ खता तुम्हारी थी कुछ खता हमारी भी ।
दूसरों के ऐब पर हंसना तो अच्छा लगता है
एक निगाह खुद पर डाली तो , उदास हुआ