इतिहास सत्य और तथ्य होता है , आदर्श और नैतिक नहीं होता
कथा , नावेल /उपन्यास , पैराबल इतिहास पर आधारित होते हैं
परन्तु कथा आदि उपरोक्त सच नहीं होते , आदर्श होते है / नैतिक आचरण प्रस्तुत करते हैं
* राम , रावण ,बुद्ध , सिकंदर लाखों होते रहते है
एक राम एक जीवन पद्धति और एक ,रावण , बुद्ध ,सिकंदर की कथा दूसरे जीवन पद्धतियों की प्रतिनिधि कथाएं होती हैं।
यही प्रतिनिधि कथाये सभी मनुष्यों पर लागू होती रहती हैं
प्रकृति और परमात्मा के स्तर पर कोई बुरा , भला और . नैतिक , अनैतिक नहीं होता है। अपितु रावण राम का पूरक होता है , रावण से राम होने कि प्रक्रिया चलती ही रहती है , जो रावण पूरा /परफेक्ट हो जाय तो राम भी समाप्त हो जांय
मनुष्य के स्तर पर राम अच्छे भले , पुण्यात्मा और रावण बुरा , अपराधी और राक्षस है
संसार , समाज का बौद्धिक बहुमत श्री राम और बुद्ध , कृष्ण , गांधी को जीवन आदर्श मानता है
'' महाजनो येन गता सः पंथा। '' = बड़े लोग जिधर से जांय वही जीवन का श्रेय मार्ग है
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राम चरित मानस में तुलसीदास - [ '' तब तब धरि प्रभु विवध शरीरा , और , '' राम अनेक अनेक नामानी '' , हरि अनंत हरि कथा अनंता '' आदि आदि]
कथा , नावेल /उपन्यास , पैराबल इतिहास पर आधारित होते हैं
परन्तु कथा आदि उपरोक्त सच नहीं होते , आदर्श होते है / नैतिक आचरण प्रस्तुत करते हैं
* राम , रावण ,बुद्ध , सिकंदर लाखों होते रहते है
एक राम एक जीवन पद्धति और एक ,रावण , बुद्ध ,सिकंदर की कथा दूसरे जीवन पद्धतियों की प्रतिनिधि कथाएं होती हैं।
यही प्रतिनिधि कथाये सभी मनुष्यों पर लागू होती रहती हैं
प्रकृति और परमात्मा के स्तर पर कोई बुरा , भला और . नैतिक , अनैतिक नहीं होता है। अपितु रावण राम का पूरक होता है , रावण से राम होने कि प्रक्रिया चलती ही रहती है , जो रावण पूरा /परफेक्ट हो जाय तो राम भी समाप्त हो जांय
मनुष्य के स्तर पर राम अच्छे भले , पुण्यात्मा और रावण बुरा , अपराधी और राक्षस है
संसार , समाज का बौद्धिक बहुमत श्री राम और बुद्ध , कृष्ण , गांधी को जीवन आदर्श मानता है
'' महाजनो येन गता सः पंथा। '' = बड़े लोग जिधर से जांय वही जीवन का श्रेय मार्ग है
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राम चरित मानस में तुलसीदास - [ '' तब तब धरि प्रभु विवध शरीरा , और , '' राम अनेक अनेक नामानी '' , हरि अनंत हरि कथा अनंता '' आदि आदि]
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