Monday, November 11, 2013

इतिहास बनाम कथा

इतिहास सत्य और तथ्य होता है , आदर्श और   नैतिक नहीं होता
कथा , नावेल /उपन्यास , पैराबल इतिहास पर आधारित होते हैं
परन्तु कथा आदि उपरोक्त सच नहीं होते , आदर्श होते है / नैतिक आचरण प्रस्तुत करते हैं
* राम , रावण ,बुद्ध , सिकंदर लाखों   होते रहते  है
एक राम  एक जीवन पद्धति और एक ,रावण , बुद्ध ,सिकंदर की कथा दूसरे  जीवन पद्धतियों की  प्रतिनिधि कथाएं होती हैं। 
यही प्रतिनिधि कथाये सभी  मनुष्यों पर लागू होती रहती हैं
प्रकृति  और परमात्मा के स्तर  पर कोई बुरा , भला और . नैतिक , अनैतिक    नहीं  होता है।  अपितु रावण राम का पूरक होता है , रावण से राम होने कि प्रक्रिया चलती ही रहती है ,    जो रावण पूरा /परफेक्ट  हो जाय  तो राम भी  समाप्त हो जांय
मनुष्य  के  स्तर पर राम  अच्छे  भले , पुण्यात्मा और रावण   बुरा , अपराधी और राक्षस है

संसार , समाज का बौद्धिक बहुमत श्री राम और बुद्ध , कृष्ण , गांधी को जीवन  आदर्श मानता  है
'' महाजनो येन गता सः पंथा। '' = बड़े लोग जिधर से जांय वही जीवन का श्रेय मार्ग है
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राम चरित मानस में तुलसीदास - [ '' तब तब धरि  प्रभु विवध शरीरा , और , '' राम अनेक अनेक नामानी '' ,  हरि  अनंत हरि कथा अनंता '' आदि आदि]

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