भलो भलाई पे लहै लहै निचाई नीच ; अमर सराहिय अमरता ,गरल सराहिय मीचु .
खल अघ अगुन ,साधू गुन गाहा ; उभय अपार उदधि अवगाहा .(तुलसी ,राम चरित मानस में बालकाण्ड )
सामान्यतया, सभी अच्छे और बुरे की समझ रखते ही हैं परन्तु करते वह है ,जों उन्हें पसंद हो (जों चाहे चुनाव करें )तुलसी दास जी इस श्रृष्टि में किसी कों काम या ज्यादा महत्व नहीं देते ,अपनी जगह सभी अपना महत्व रखते हैं ;बाबा कहते है - अमृत का महत्व जिलाने में है तो विष का भी मार डालने में उतना ही महत्व है .अपने अपने क्षेत्र हैं ,दुष्ट अपनी दुष्टता और अवगुणों में महान है जैसे साधू अपने गुणों और साधुता में कोई किसी से काम नहीं .यानि कि जीवन में हम किसे चुनते है वही महत्व पूर्ण है .
बुद्ध ने राज्य और परिवार कों त्याग कर सन्यास और ज्ञान कों चुना /लोक हित कों चुना ,अपने हित का बलिदान किया .भौतिक रूप में कपिलवस्तु का राज्य त्यागा और दुनिया के बीसों देशों के लोगों के दार्शनिक -रजा बन गये .सुबाश -चन्द्र बोस ,भगत सिंह ,आजाद ऐसे हजारों ने देश हित कों चुना ,जीवन के बदले ,जान देकर -- अब देखो -१- आदमी जों धन के लिए काम करे २- आदमी जों धन और देश ( खुद के हित और लोक-हित ) के लिए काम करे और ३ - जों खुद के पहले देश -लोक हित कों रखे (Service before self -Gandhi Ji ) अब रेटिंग करो - नं १ पर अज्ज के हमारे अधिकतर ९५% नेता और अधिकारी (सभी नहीं पर स्वतंत्रता की लड़ाई के समय इसका उल्टा था ,यानि कि ९८% नं ३ के थे . अब नं २ में डॉ भाग करो ,२क जों धन के लिए ज्यादा लोक हित के लिए काम - इसमें आये -शाहरूख और अमिताभ और २ ख -जों धन के लिए कम देश के लिए ज्यादा ,इसमें आये तेंदुलकर ,देश के इमानदार नेता और अधिकारी ५% और अब नं ३ जों देश हित के लिय ही जिए और मर गए -सेना औए सिविल का शहीद सैनिक/सिपाही ,सुबाश,भगत सिंह ,आजाद ,गाँधी ,पटेल ,नेहरू , और पुराने दयानंद ,स्वामी राम और विवेकानंद आदि -आदि बहुत सारे लोग हैं who sacrificed their live foe the cause of freedom of country without expecting any reward ,place ,position or money . TODAY all our leaders and officers are busy in gathering money by CORRUPT-QUICK -RICH -METHODS . fie ! to them all .
ब्यक्ति का सम्मान ,मूल्य , आदर , यादगारी उसके लोकहित से ,त्यग से और सद्गुणों के आधार पर समय और लोकमत /जनमत यानि किदेश और दुनियां कि जनता *बहुमत से लोक-मत के माध्यम से करती है .श्रवन कुमार ,ध्रुब . प्रहलाद , हरीश चन्द्र के समय के रजा -रानियों और धन -कुबेरों कों कौन जनता है परन्तु इन सद्गुणी लोगों कोहम उनके त्याग और लोक हित से जानते हैं .जों लोक /देश /समाज कों जितना देता है उसे उतना सम्मान हम देते है ,जों लेता है उसे हम याद तो करते होंगे, पर घृणा से ,कुछ कों उनके धन ,बैभव के नाते उस समय के लिए .
जों शाश्वत , सत्य ,वजनी और दमदार है वह उतनी देर तक चलता है ,जितना उसमे असलियत थी . हम लोग जब पढ़ते थे - एक सिनेमा का गाना बहुत ही लोक पिय हुआ था सब की जबान पर ,नागिन सिनेमा का - ; तन डोले मेरा मन डोले " पर क्या हुआ उसका ? गया .लेकिन कालिदास के श्लोक . मीरा के भजन . तुलसी की चौपाई , कबीर की अनाब-सनब उल्ट्वासियाँ -इनका बिस्तर होता ही जाता है . सो देखो सारा खेल हमारे चुनाव का है - *समझ कर चुनना है बस . भला -बुरा कुछ नहीं हमारा चुनाव है .
" जड़- चेतन गुण -दोष मय विश्व कीन्ह करतार :संत हंस गुण गहहिं पे परिहरि वारि विकार - (तुलसी ,वही )
God has created this world with good /bad , living /nonliving but the wise use their discretion and choose the better (milk in place of water when both mixed together)
एक बात पर और सोचना -यौन -कर्मी जो अपने शरीर के कुछ क्षण बेचं कर अपना जीवन चलाये (शायद किसी अति कठिन मजबूरी में ही ) और वह नेता या अधिकारी जो अपना इमान बेच कर धन जुटाए ,दोनों में कौन श्रेष्ठ है ?जो गरीबों का शोषण करे , जो गरीबों कों इए सहयोगी -धन लूट ले .जो जिन्दा कों मार कर उसका धन ले और मरे के नाम पर धन का व्यापार करे (अभी हाल में एक मुख्य -सचिव IAS ने ऐसा किया ) ऐसे लोगों की जो अपने कों सेलिब्रेटी समझते हैं उनकी तुलना इन पवित्र यौन-कर्मियों से करने कों भी सोचना .
अंग्रेजी नाट्यकार मार्लो का एक नाटक पात्र है - डाक्टर फास्ट्स ,जिसने धन /सम्पत्ति और विलासिता के बदले अपनी आत्मा एक शैतान कों बेंच दिया था .लोग अब भी पूंछते हैं ;भला उसने क्या पाया , जब अपनी आत्मा ही बेंच दी हाय ! I have written less and left more to think yourself ,only to enlarge/broaden your thought and mind horizon.
*** this post has been written in reference to curiosity sent by shri Avnish singh (WITH THANKS )
1 comment:
Its really superlike . .
Atitude represnts what a person is ...,every person must eb known by his Personality ..
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