Saturday, August 1, 2009

राम कृपा

इस संसार में कौन ऐसा ज्ञानी , तपस्वी ,वीर , कवि ,विद्वान और गुणी है जिसके मन में लोभ ने बिडम्बना न पैदा की हो ?मोह ने किसे अँधा नही किया ; काम के वश होकर कौन नही नाचता रहा ; तृष्णा ने किसे पागल नही किया ; धन/ संपत्ति ने किसे टेढा नही बनाया ; प्रभुता / अधिकार ने किसे बहरा नही बनाया ; कौन ऐसा है जिसे मृग-नयनी के नयन -सर नही लगे ; सत,रज और तम इन तीन गुणों ने किसे प्रभावित नही किया ; कौन मान और मद से अछूता रहा ; यौवन -ज्वर की सीमा में कौन रह सका ; ममता के अपयश ने किसे नही नष्ट किया ; मत्सर / इर्ष्या ने किसे कलंकित नही किया ; शोक की बयार ने किसे बिना हिलाए छोड़ दिया ; चिंता रूपी सांपिन ने किसे नही डसा ; इस जगत में माया से कौन बचा ; शरीर रूपी किस मनुष्य के बृक्ष को मनोरथ /इक्षा रूपी कीड़े ने नही खाया और पुत्र , धन-संपत्ति और लोकप्रतिष्ठा की लालच ने किसे मलिन नही किया ?
केवल जिसपर प्रभु राम / हरि की कृपा रही हो ।
- ------राम चरित मानस , उत्तर कांड , दोहा ७० के पहले और बाद ।
कृपया राम चरित मानस पढ़ें ।

1 comment:

Bhoopendra pandey said...

aapne ram charitmanas padhne ki meri dabi huyi ichha ko punah jagaya hai aapko dhanyabad