जिससे बात करनी हो उसके बारे में थोड़ी -बहुत जानकारी ले लेना तभी वार्ता करना ;जैसे एक ब्यक्ति जों गणित में एम्.एस.सी . थे और वो भी शहर के और मुझे एक घंटे तक फसलों की सिचाई के बारे में समझाते रहे जबकि मै कृषि -शाश्त्र का स्नातक था और वो भी पूरी तरह खेतिहर के घर का ;मैं उन्हें देरतक सुनता रहा कारण बहस नहीं करनी थी ,सो बाद में खूब हंसा और आनंद लिया .यह मेरे कई ऐसे अनुभवों में से एक ही है जहाँ मुझे ज्ञान कम आनंद ज्यादा मिलजाता है .
एक और मजेदार अनुभव - एक बार मुझे केन्द्रीय विद्यालय के एक इंटर -भ्यू (साक्षात्कार ) में जाना हुआ जहाँ विभिन्न विषयों के अध्यापकों का चुनाव करना था ;वहां एक श्रीमान भी जों चुनाव -समिति के सदस्य थे ,अंग्रेजी के अभ्यर्थियों से उलटे सीधे सवाल पूछने लगे और अंग्रेजी के सभी अभ्यर्थियों का पूरा साक्षात्कार उन्हों ने ही लिया ;मै अंग्रेजी विषय का विशेषग्य था परन्तु मुझे तो मौका ही नहीं मिला बाद में पाता चला वो बाटनी के एक्सपर्ट थे और मजा तो तब आता था कि जब हिंदी और संस्कृत के सवाल पूछने होते तो मेरी तरफ इशारा करदेते जिनका मुझे नाममात्र ही ज्ञान था .यह जानने पर कि मै अंग्रेजी का एक्सपर्ट था वे शायद कुछ लज्जित हुए हों ;भगवान जानें ;परन्तु साक्षात्कार तो सही नहीं ही हुआ होगा . तब से मैंने समझा कि क्यों साक्षात्कार लेने वाले को निशित रूप से ज्यादा ही तैयार और सचेत होना चाहिए बनस्पति साक्षात्कार देने वाले के .ऐसा खुद मेरे साथ कई बार हुआ है जब मै साक्षात्कार देने गया कि साक्षात्कार लेने वाले श्रीमान कैसे, कुछ भी पूछने को उद्यत रहते हैं .सभी लोग नहीं कुछ ही . परन्तु कुछ तो पूरे गंभीरता से पेश आते हैं .
क्षिप्रं विजानाति चिरं शृणोति , विज्ञाय चार्थं भजते न कामात्।
नासंपृष्टो व्यपयुंक्ते परार्थे , तत् प्रज्ञानं प्रथमं पण्डितस्य॥
शीघ्रता से सीखता है ;धैर्य से देरतक सुनता है ,पूरी समझ से कार्य करता है न कि स्वार्थवश ;बिना पूछे किसी के कार्य-ब्यापार में टांग नहीं अड़ाता ,वही विद्वान है ,बुद्धिमान है .
He comprehends quickly and hears patiently. He understands things at hand and acts accordingly and not according to his sweet will; he does not meddle with others' business unless asked to. This is the prime feature of a wise person.
न हि ज्ञानेन सदृशं पवित्रमिह विद्यते
इस जगत में ज्ञान के समान कुछ भी पवित्र /श्रेष्ठ नहीं है .
Here (in this world), there is nothing as pure(sublime) as knowldge.
No comments:
Post a Comment