हमारे और आपके साथ कुछ ऐसा नया और अजूबा नही हुआ है या हो रहा अथवा होगा जों लोगों के साथ पहले न हुआ हो । हमारी सभी समस्याओं का समाधान हमारे पूर्व महापुरुषों ने सोचा ,समझा और किया है ,जरुरत है उसको जानने और अपने जीवन में प्रयोग करने की । बहुत थोड़े दृष्टान्त विचार के लिए देता हूँ -
अपने सिद्धांतों के लिए बलिदान , सुकरात , ईशा और हरिशचन्द से ; त्याग तपस्या ,बुद्ध , महावीर और भरत से ; गरीबी और संघर्ष वाशिंगटन , अब्राहम लिंकन और लाल बहादुर शास्त्री से ; जीवन परिवर्तन , वाल्मीकि , कालिदास और शेक्सपियर से ; दानशीलता , कर्ण ,बलि और बिलगेट्स से ; सेवा , मदर टेरेसा , बिन्देश्वरी और बोरलाग से ; न्याय स्वतंत्रता के लिए संघर्ष , कृष्ण , गाँधी और नेल्सन मंडेला से ; हार हार कर जीतने के लिए किंग ब्रूश , अब्राहम लिंकन और अटल बिहारी वाजपायी से ; सामान्य ब्यक्ति से संपन्न और सत्ता पाने वाले में ,चन्द्र गुप्त मौर्य ,धीरू भाई अम्बानी और डाक्टर ए० पी ० जे ० अब्दुल कलाम से ; ईमानदारी और राज नीति की समझ चाणक्य , कृष्ण और लेनिन से सीखा जा सकता है । ए उदहारण प्रतीक रूप में / समास में दिए गए हैं । आपको ऐसे हजारों हजार उदहारण इतिहास में और आज भी मिल जायेंगे , जिनमे आप हैं । इनका उपयोग कर आगे बढिए ।
परन्तु यदि उपरोक्त सभी समस्याओं और अन्य भी बहुत उलझनों को सुलझाना है तो राम चरित मानस की शरण में जाइये और राम कथा , राम चरित्र , राम -परिवार , राम -कार्य-ब्यवहार , मित्र -अमित्र , राम -समाज , राम राज्य ; माता -पिता , भाई- बन्धु , शान्ति-युद्ध , धर्म - राजनीति , प्रेम और सम्पूर्ण जीवन के हर रूप और पहलू का आदर्श -रूप ग्रहण करिए । राम चरित मानस ने एक सम्पूर्ण आदर्श मानव -जीवन का चित्र प्रस्तुत किया है जिसे मनुष्य रूप में हरि ने जिया है । हमारे आपके लिए एक आदर्श ।
'' श्रुति पथ पालक धर्म धुरंधर । गुनातीत अरु भोग पुरंदर ॥
नीति प्रीति परमारथ स्वारथ । कोऊ न राम सन जान जथारथ ॥
1 comment:
gyan milta rahega .. iske liye aapka abharee hu..
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