Monday, July 27, 2009

राम चरित मानस में चिंतनीय /सोचनीय /शोक करने योग्य लोग

राम चरित मानस में उन लोगों का विवरण है जो चिंतनीय / सोचनीय / शोक करने योग्य हैं । कृपया देखें ----
शिक्षक जो ज्ञान से हीन/ रहित हो । जो अपना धर्म /कर्तब्य छोड़कर अन्यथा अतिअधिक विषयों में लीन हो । राजा / शासक /राज - नेता जो नीति न जनता हो और जिसे प्रजा / जनता प्राणों के सामान प्रिय न हो । जो धनवान होकर भी कंजूस हो और अतिथि तथा गरीबों की मदद न करता हो । जो मुर्ख , वाचाल , अहंकारी , स्व- मानप्रिय और ज्ञान -गुमानी हो । पत्नी जो पति- वंचक , कुटिल , कलह- प्रिय और असंयमित हो । पुरूष जो पर धन और पर पत्नी में कुदृष्टि रखता हो . क्षात्र जो पढ़ाई नही करता और गुरु का आदर भी नही करता । वह गृहस्थ जो मोह वश अपने गृहस्थी के कार्य नही करता । सन्यासी जो विवेक और वैराग्य से विमुख /विरत होकर प्रपंच -रत है । वैरागी जो तप छोड़कर भोग में लगा हो । जो निंदा करने वाला , अकारण क्रोध करने वाला , माता -पिता , गुरु और बंधु / बांधवों का विरोध करने वाला है । जो दूसरों का बुरा / अपकार करने वाला , अपने ही शरीर का पोषण करने वाला और भारी निर्दयी है । जो प्रभु की प्रार्थना नही करता ।
उपरोक्त सभी चिंता करने / सोच करने और शोक करने योग्य हैं ।

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