Monday, January 16, 2012

ILL-ADVISED WISDOM

कृपया अपनी स्वतंत्र , निष्पक्ष ,बौद्धिक और पूर्वाग्रह से रहित होकर ,  राय दें /कमेन्ट करें /धन्यबाद ...
1 - राहुल जी कहते हैं - '' मैं दलितों के घर जाता हूँ , उनका खाना खाता हूँ ;उनकी फीकी चाय और गंदा पानी पीता हूँ ...पर मायावती ऐसा नहीं करती ''....मेरा कमेन्ट = राहुल जिस घर में जाते हैं .जो खाते हैं ;जो पानी पीते हैं , जहाँ थोड़े समय के लिए बैठते सोते हैं ; उन्ही घरों में मायावती जन्मीं , वही खाना बीसों साल खाया , वही गंदा पानी पीया तो गरीबों /दलितों के बारे में कौन ज्यादा जानेगा ?; पर एक बात का अनुभव राहुल को कैसे हो सकेगा - वह अपमान ,घृणा और संघर्ष जो मायावती ने दलित होने के नाते झेला है ...वह  अनुभव दलितों के झोपडी से नहीं ,दलित होने पर या अत्यधिक संवेदन शील होने पर ही होगा ; यह और बात  है कि अपने संघर्ष , उत्साह , राजनैतिक चतुरता से उन्होंने  सम्पन्नता ,पद और सत्ता प्राप्त कर ली है जो राहुल और उनकी पार्टी के लिए इर्ष्या बन गयी है ;राजा नहीं होते हुए भी  ,उनके लोग , उन्हें राज कुमार ही कहना पसंद करते हैं तो दलितों की रानी होने में कैसा एतराज ? न अब वह 50  साल पुराना भारत है , न वे दलित . क्या दलितों को राहुल मूर्ख समझने की भूल तो नहीं कर रहे हैं .?..अवश्य .
2 - हाथी की मूर्तियों को ढकना ILL - ADVISED WISDOM हास्यास्पद बौद्धिक दिवालियापन ही लगा ; इससे प्रत्यक्ष में मायावती को हानि की वजाय लाभ ही होगा ऐसा मेरा निश्चित मत है .

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