Monday, March 5, 2012

THE VAIDIK THEORY OF ONENESS '' EKOAHAM ''

एकक अजीब बात , अजीब तो नहीं , सच है पर यह बात सामान्य ब्यक्ति को अजीब सी लगेगी ...वह यह कि हम आप जो भी  सोचते , करते हैं उसको हम आप जानते हैं , और जो हम आप जानते है , उसको सारा अस्तित्व जान जाता है . आज कल , देर सबेर दस साल या बीस साल बाद , कोई कुछ छुपा नहीं सकता ; ए बात और है कि कोई उसे जानना न चाहे या जानकार अनजान बना रहे या उदासीन हो . इसी नियम से सारे अपराधी और सच्चे लोग बदनाम या प्रसिद्द हो जाते हैं ...सो हमारे वेदों में कहा , मन ,वचन , कर्म में एक ही रहो , तो तुम्हे कोई दिक्कत नहीं होगी ,,,,ऐसा  वेद के एकत्व के सिद्धांत के तहत होता है -सब कुछ इस अस्तित्व में परस्पर एक ही है

होली पर प्रभु-प्रार्थना के साथ ,स्नेह .सद्भाव और मंगल कामना ,सभी के लिए //